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Availability of electricity in rural areas is fortunately only. Since the commercialization of electrical power gradually it has started to expand. In fact, the work of power supply is very costly in small and small villages. This is the reason that the government has taken 100 percent power supply across the country and is engaged in it.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता सौभाग्यवश ही होती है। विधुत ऊर्जा का व्यावसायीकरण होने के बाद से धीरे-धीरे इसका विस्तार होना शुरू हुआ है। दरअसल, अलग-अलग बसे हुए छोटे-छोटे गांवों में विधुत आपूर्ति का काम बहुत महंगा पड़ता है। यही कारण है कि सरकार ने पूरे देश में 100 प्रतिशत विधुत आपूर्ति का बीड़ा उठाया है और उसे पूरा करने में लगी हुई है।
The Sarp electric power of the Indian government (Saubhagya) is also running on this path. Under this, only 4 crore households are deprived of power supply, which has been targeted to complete in 1000 days.
भारतीय सरकार की सहज बिजली हर घर योजना (Saubhagya) भी इसी राह पर चल रही है। इसके अंतर्गत अब केवल 4 करोड़ घर विधुत आपूर्ति से वंचित हैं, जिसे 1000 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
Increasing consumption of electricity in rural areas can be estimated only from an example of Madhya Pradesh. Here the difference in per capita consumption of electricity in urban and rural areas is continuously decreasing. This consumption will increase further in rural areas. When they get the power to get 24 hours of electricity. Through the good fortune scheme, the scheme has been successful only by providing free electricity to the poor families, using local sources for a fixed time limit and professional services. Now the high rates of electricity in villages, lack of supply and lack of investment, are seen very far.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती खपत का अंदाजा मध्य प्रदेश के एक उदाहरण से ही लगाया जा सकता है। यहाँ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की प्रति व्यक्ति खपत का अंतर लगातार कम होता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह खपत तब और अधिक बढ़ेगी। जब उन्हें 24 घंटे बिजली मिलने की गांरटी हो जाएगी।सौभाग्य योजना के द्वारा निर्धन परिवारों को निःशुल्क बिजली देना, एक निश्चित समय सीमा एवं व्यावसायिक सेवाओं के लिए स्थानीय स्रोतों को उपयोग में लाने से ही इस योजना को सफलता मिली है। अब गांवों में बिजली की उच्च दर, आपूर्ति की कमी एवं निवेश की कमी जैसी बातें बहुत दूर दिखाई देती हैं।
The power supply situation in India is pleasant. The import of coal has decreased and the status of renewable energy is continuously getting better.
भारत में बिजली आपूर्ति की स्थिति सुखद है। कोयले का आयात कम हो गया है और नवीकरणीय ऊर्जा की स्थिति निरंतर बेहतर होती जा रही है।
The State Governments also have to maintain pressure to maintain the power supply in the ideal condition. Apart from the legal exemption on licensing and surcharge, the government will also have to pay attention to the irregularities of supply in rural areas. The provision of licensing work for rural power supply through Smart Technology is provided by Smart Technology. This will definitely change the power department.
सरकार को विधुत आपूर्ति को आदर्श स्थिति में बनाए रखने के लिए राज्य सरकारों पर भी दबाव बनाए रखना होगा। सरकार को लाइसेंस और सरचार्ज पर कानूनी छूट के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति की अनियमितताओं पर भी ध्यान देना होगा। सौभाग्य योजना के माध्यम से ग्रामीण विधुत आपूर्ति के लिए लाइसेंस का काम स्मार्ट तकनीक के जरिए किए जाने का प्रावधान है। इससे बिजली विभाग में परिवर्तन जरूर आएगा।
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